जय श्रीमन्नारायण,
प्यारे कन्हैया,
मेरे प्यारे कन्हैया जी, मेरे प्रियतम कान्हा जी !
प्यारे ! मेरे दिन-रात बुलाने पर भी नहीं आते?
मेरे प्यारे कन्हैया जी, मेरे प्रियतम कान्हा जी !
प्यारे ! मेरे दिन-रात बुलाने पर भी नहीं आते?
तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता।
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता।।
आखिर में मेरी जान चली जायेगी।
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता।।
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नहीं मिलता।
संसार में प्रियतम से कोई प्यारा नहीं मिलता।।
अगर मिला है कन्हैया का प्यार आपको तो सम्भाल कर रखना।
क्योंकि एक बार भटक जाय भक्ति का मार्ग तो दोबारा नहीं मिलता।।
मैं दिल हूँ तुम मेरी साँसे हो ।।
मैं जिस्म हूँ तुम मेरी जान हो ।।
मैं चाहत हूँ तुम मेरी इबादत हो ।।
मैं नशा हूँ तुम मेरी आदत हो प्यारे ।।
प्यारे! अभी तो तेरे प्यार में हद से ज्यादा गुज़ारना बाकी है ।
अभी तो मुझे तेरे और तुझे मेरे दिल में उतरना बाकी है ।।
अब तो जी-जान से बस आपको ही चाहते रहें यही तमन्ना है ।
अब तो बस जियें तेरी यादों में और तेरी यादों में ही मरना बाकी है ।।
क्योंकि प्यारे आपके बिना हमारा कोई आस्तित्व ही नहीं बचता ।।
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जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् ।।
जय जय श्री राधे ।।
जय श्रीमन्नारायण ।।